Tokyo 2020 Summer Paralympic में Awani Lekhra ने जीता स्वर्ण पदक

        


 

 

      भारतीय पैरालिम्पिक की निशाने बाज़ खिलाडी Awani Lekhra ने Tokyo 2020 Summer Paralympic में स्वर्ण पदक हासिल किया है | Awani Lekhra का कहना है की मै कभी निशानेबाज़ नहीं बनना चाहती थी | लेकिन अभिनव बिंद्रा ( भारत के पहले ओलम्पिक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज़ ) आत्मकथाए ए शॉट ए ग्लोरी पढने के बाद Awani Lekhra इतनी प्रेरित हुई की Awani Lekhra ने पहले ही पैरालिम्पिक खेलो में इतिहास रच दिया | 

    Awani Lekhra ने 10 मीटर एयर रायफल स्टैंडिंग एचएस 1 में 246.6 अंक के कुल स्कोर से Tokyo 2020 Summer Paralympic स्वर्ण पदक जीतकर भारत को पैरालिम्पिक इतिहास का पहला पदक दिया | 

  

      Awani Lekhra Biography

   

    जयपुर की रहने वाली 19 साल की Awani Lekhra 2012 मेंहुई एक कार दुर्घटना के बाद व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा , क्यूंकि Awani Lekhra के पैर हिल - डुल नहीं पाते थे | लेकिन यह हादसा Awani Lekhra केपरिवार के इरादों को जरा सा भी नहीं डिगा सका और Awani Lekhra के परिवार वालो ने सभी तरह की परिस्थितियों का सामना किया | 

       इस दुर्घटना में Awani Lekhra को रीड की हड्डी में गंभीर चोट लगी थी | Awani Lekhra के पिता के जोर देने पर Awani Lekhra ने निशानेबाज़ी करनी शुरू की | पुर ओलम्पिक निशानेबाज़ सुमा शिरूर की देख रेख में Awani Lekhra निशाने की ट्रेनिंग करने लगी | 

    Awani Lekhra ने कहा ' रीड की हड्डी के टूटने के कारण कमर के निचले हिस्से में मुझे कुछ महसूस नहीं होता है , लेकिन Awani Lekhra को हर दिन पैरो का व्यायाम करना होता है | एक फिजियो रोज Awani Lekhra के घर आकार उनके पैरो का व्यायाम करता था | लेकिन covid - 19 के संक्रमण के चलते अब Awani Lekhra के पिता जी उनके पैरो का व्यायाम करते है | 

     Awani Lekhra के पिता praveen lekhra ने जब Awani Lekhra को 2015 में पहली बार निशानेबाज़ी रेंज ले गए तो उनका मकसद कार दुर्घटना के अपाहिज हुई बेटी की ज़िन्दगी से नाराज़गी कम करके  Awani Lekhra का दिल बहलाना था |  Awani Lekhra के पिता ने कहा , उस कार दुर्घटना से पहले Awani Lekhra काफी सक्रीय थी , हर गतिविधियों में भागलेती थी , लेकिन कार के हादसे ने Awani Lekhra की ज़िन्दगी बदल दी | माहौल बदलने के लिए Awani Lekhra के पिता उनको जगतपुरा में jda निशानेबाज़ी रेंज ले जाते थे |

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