Sumit Antil Tokyo 2020 Paralympic Javelin Thrower in 2021

    


            Tokyo 2020 Paralympic में Sumit Antil जो एक javelin thrower खिलाडी है उन्होंने विश्व रिकार्ड 68.55 मीटर दुरी पर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने  नाम किया है | Sumit Antil के कोच नवल सिंह का कहना है की Sumit Antil ने अपने खेल स्तर को बढ़ाने के लिए पैरा एथिलिट नहीं , बल्कि सामान्य एथिलिट नीरज चोपड़ा , शिवपाल सिंह के साथ खेलते हुए पैरा जगत का सर्वश्रेष्ठ मुकाम हासिल किया है | 

     इतना ही नहीं , Sumit Antil ने पहले ही भारत में आयोजित इंडियन ग्रापी में विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया था | Sumit Antil के कोच का यह भी कहना था की covid - 19 महामारी में Sumit Antil संक्रमित भी हो गये थे | Sumit Antil कोरोना से उभर ही रहे थे की पटियाला में टोक्यो ओप्लाम्पिक से पहले एथिलीट की ग्रापी प्रतियोगिता होने वाली थी | Sumit Antil के कोच ने Sumit Antil को भाग लेने के लिए कहा तो Sumit Antil राज़ी हो गये | 

    इस प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा , शिवपाल सिंह जैसे खिलाडी भाग ले रहे थे | इस प्रतियोगिता में Sumit Antil ने सामान्य एथलीटो के बिच भले को 66.43 मीटर की दुरी पर फेका और यह सामान्य एथलीटो की टूर्नामेंट में एक पैरा एथिलीट का विश्व रिकॉर्ड था | Sumit Antil के कोच ने एथेलेटिक्स फेडरेसन से आआगे भेजने के लिए मना कर दिया और Sumit Antil कोच ने कहा की नहीं , हम इस रिकॉर्ड को छुपा कर रखेंगे और आगे तोड़ेंगे | 

      Sumit Antil के कोच नवल सिंह ने कहा की वर्ष 2018 में मैंने सुमित को फ़िनलैंड बुलाया और वहा पर भी सामान्य खिलाडियों के भाला फेक खिलाडियों की प्रतियोगिताओ में Sumit Antil ने भाग लिया | इससे Sumit Antil का सफ़र बदलता चला गया | कोच नवल सिंह ने कहा की अन्य खिलाडी वीरेंद्र , संदीप और मै हम सभी टॉप्स स्कीम में थे तो अभ्यास करने फ़िनलैंड गए हुए थे | फिर Sumit Antil कोच ने उन्हें वहा बुला लिया | 

    तब तक वह राष्ट्रिय स्तर पर भी नहीं खेले थे | मैंने पेरिस में क्वालिफिकेशन हासिल करने के लिए सामान्य वर्ग के एथेलीटो के साथ Sumit Antil की प्रतियोगिताये करायी | जहा पर शानदार पर्दर्शन करने पर  को अंतर्राष्ट्रीय पैरालिम्पिक समिति से Sumit Antil को क्वालिफिकेशन मिल गया |इसके बाद Sumit Antil आगे बढ़ते गए और 30 अगस्त 2021 स्वर्ण पदक अपने नाम किया | 

      बचपन में Sumit Antil पहलवान बननाचाहते थे -: 

   हरियाणा के रोहतक में वर्ष 1998 को जन्मे Sumit Antil बचपन से ही पहलवान बनना चाहते थे |लेकिन 5 जनवरी 2015 के दिन भयानक सड़क दुर्घटना में Sumit Antil अपना एक पैर घुटने के निचे गवा बैठे | Sumit Antil ने कहा कीबचपन से पहलवान बनने की चाहत से Sumit Antil के अन्दर अनुशासन और कुछ कर गुजारने का जज्बा था |

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